रफ़्तार...
जैसे थम सी गई हो....
जिंदगी जैसे किसी एक लम्हे में अटकी हो.....
बार बार घड़ी के पेंडुलम की तरह
जिंदगी........
वापस वही लौटकर आ जाती है...
जहाँ से चली थी........
जैसे थम सी गई हो....
जिंदगी जैसे किसी एक लम्हे में अटकी हो.....
बार बार घड़ी के पेंडुलम की तरह
जिंदगी........
वापस वही लौटकर आ जाती है...
जहाँ से चली थी........
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