मैं पूछ रही हूँ गलियों से
आवारा फिरती चिडियों से
क्या देख सकी तुम वो चेहरा
घोला है ज़हर जिसने गहरा
किसने बदली इंसानी फितरत
क्या देख सकी तुम उसकी सूरत
तोड़ी है किसने मन्दिर की मूरत
फोडे हैं बम किसने जामा मस्जिद पर
किसने पैदा की है हिंदू मुस्लिम में नफरत
किसने फैलाये हैं दंगे किसने की है इतनी जुर्रत
किसने रंगी खून से ईद दीवाली
किसने खेली है मासूमों के खून से होली
बाँट रहा है कौन तुम्हें देकर
हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई नाम
क्या है उसका रूप रंग
और क्या है पहचान
बोली गलियाँ चहकी चिडियां
नही है उसका कोई देश
न कोई धर्म जात और न कोई ईमान
वो है इंसानियत का दुश्मन
इंसान की शक्ल में पैदा हुआ कोई शैतान
बचाना होगा देश को तुम्हे उससे
करनी होगी हिफाजत अपने वतन की
जोड़नी होगी मानवता की अटूट जंजीर
दुनिया को दिखानी होगी एकता की नायाब नजीर
आवारा फिरती चिडियों से
क्या देख सकी तुम वो चेहरा
घोला है ज़हर जिसने गहरा
किसने बदली इंसानी फितरत
क्या देख सकी तुम उसकी सूरत
तोड़ी है किसने मन्दिर की मूरत
फोडे हैं बम किसने जामा मस्जिद पर
किसने पैदा की है हिंदू मुस्लिम में नफरत
किसने फैलाये हैं दंगे किसने की है इतनी जुर्रत
किसने रंगी खून से ईद दीवाली
किसने खेली है मासूमों के खून से होली
बाँट रहा है कौन तुम्हें देकर
हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई नाम
क्या है उसका रूप रंग
और क्या है पहचान
बोली गलियाँ चहकी चिडियां
नही है उसका कोई देश
न कोई धर्म जात और न कोई ईमान
वो है इंसानियत का दुश्मन
इंसान की शक्ल में पैदा हुआ कोई शैतान
बचाना होगा देश को तुम्हे उससे
करनी होगी हिफाजत अपने वतन की
जोड़नी होगी मानवता की अटूट जंजीर
दुनिया को दिखानी होगी एकता की नायाब नजीर
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