मैं गुजरता रहा
जिंदगी आगे बढ़ गयी
उसने रोकना चाहा होगा मुझे
रुक कर एक लम्हा
उसकी आँखों में
झाँक सकने के वास्ते
मैं शायद समझ ना सका
सिर्फ हाथ बढ़ा सका मैं
एक दफा हवा में
इस तरह अलविदा कह कर
मैं गुजरता रहा ।
जिंदगी हिसाब मांगती रही
हर एक मोड़ पर
मैं खाली पड़ी जेबों में
भर कर सपने उन्हें
बही खाते की किताबों को
दिखाता रहा
उसने पूछे थे मुझसे
मेरे सपनों के रंग
उन्हें बाँट सकने के वास्ते
पर आसमान की स्याही
रंग बदलती रही
जिंदगी कुछ समझ न सकी
और मैं गुजरता रहा ।
जिंदगी आगे बढ़ गयी
उसने रोकना चाहा होगा मुझे
रुक कर एक लम्हा
उसकी आँखों में
झाँक सकने के वास्ते
मैं शायद समझ ना सका
सिर्फ हाथ बढ़ा सका मैं
एक दफा हवा में
इस तरह अलविदा कह कर
मैं गुजरता रहा ।
जिंदगी हिसाब मांगती रही
हर एक मोड़ पर
मैं खाली पड़ी जेबों में
भर कर सपने उन्हें
बही खाते की किताबों को
दिखाता रहा
उसने पूछे थे मुझसे
मेरे सपनों के रंग
उन्हें बाँट सकने के वास्ते
पर आसमान की स्याही
रंग बदलती रही
जिंदगी कुछ समझ न सकी
और मैं गुजरता रहा ।
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